Ambaji Temple Aarti Time Table

Ambaji Temple Aarti Time Table: इतिहास, महत्व और यात्रा गाइड

Ambaji Temple Aarti Time Table भक्तों के लिए सबसे अहम जानकारी है, क्योंकि मां अम्बा के इस पावन धाम में आरती का दर्शन जीवनभर का अविस्मरणीय अनुभव होता है। गुजरात के बनासकांठा जिले में अरावली पर्वतमाला पर स्थित अम्बाजी मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां प्रतिदिन विशेष समय पर मां की पूजा और आरती की जाती है, जिसे देखने हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं।

इस लेख में हम आपको Ambaji Temple Aarti Time Table, मंदिर का इतिहास, धार्मिक महत्व, यात्रा गाइड और नवरात्रि में होने वाले विशेष आयोजनों की संपूर्ण जानकारी देंगे।

अम्बाजी मंदिर का इतिहास

अम्बाजी मंदिर का इतिहास हजारों वर्षों पुराना माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब माता सती ने राजा दक्ष के यज्ञ में अपना शरीर त्याग दिया था, तब भगवान शिव ने उनका जला हुआ शरीर उठाकर तांडव किया। उस समय भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के 51 भाग कर दिए, जो पृथ्वी के विभिन्न स्थानों पर गिरे। इन स्थानों को शक्तिपीठ कहा गया।

कहा जाता है कि सती का हृदय अम्बाजी में गिरा था, इसलिए यह स्थल अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र माना जाता है। यहां स्थापित “अम्बा माता” की मूर्ति का कोई सिर या मुख नहीं है, बल्कि वह केवल एक “श्री यंत्र” है, जो शक्ति का प्रतीक है।

अम्बाजी मंदिर का धार्मिक महत्व

  1. अम्बाजी मंदिर मां शक्ति का प्रत्यक्ष स्वरूप माना जाता है।
  2. यहां की पूजा-अर्चना केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखती है।
  3. हर साल लाखों श्रद्धालु नवरात्रि और भादरवी पूनम के मेले में यहां आते हैं।
  4. यह मंदिर वैष्णव और शैव दोनों परंपराओं के लिए समान रूप से पूजनीय है।
  5. Ambaji Temple Aarti Time Table के अनुसार आरती का दर्शन करना, भक्तों के जीवन से नकारात्मकता दूर करता है और सुख-समृद्धि प्रदान करता है।

Ambaji Temple Aarti Time Table (अम्बाजी मंदिर आरती समय सारणी)

आरती का नामसमय (प्रतिदिन)विशेष विवरण
मंगल आरतीप्रातः 6:00 बजेसूर्योदय के बाद दिन की पहली आरती
श्रृंगार आरतीप्रातः 7:00 बजेमां का श्रृंगार एवं अलंकरण
राजभोग आरतीदोपहर 12:00 बजेमुख्य भोग अर्पित किया जाता है
सायं आरतीशाम 6:30 बजेसूर्यास्त के समय वातावरण भक्तिमय
शयन आरतीरात्रि 9:00 बजेमां को विश्राम देने की आरती

👉 ध्यान दें: पर्वों और नवरात्रि के दौरान समय में परिवर्तन हो सकता है।

अम्बाजी मंदिर यात्रा गाइड

कैसे पहुंचे अम्बाजी मंदिर?

  1. सड़क मार्ग – अहमदाबाद से अम्बाजी की दूरी लगभग 180 किमी है। बस और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।
  2. रेल मार्ग – सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन आबू रोड है, जो 20 किमी दूर है।
  3. हवाई मार्ग – अहमदाबाद और उदयपुर नजदीकी हवाई अड्डे हैं।

दर्शन का सर्वश्रेष्ठ समय

  • प्रातःकालीन मंगल आरती और संध्याकालीन सायं आरती का समय सबसे पवित्र माना जाता है।
  • नवरात्रि और पूर्णिमा पर विशेष भीड़ होती है, इसलिए सुबह जल्दी पहुंचना बेहतर है।

भक्तों के लिए आवश्यक जानकारी

  • मंदिर परिसर में मोबाइल और कैमरा प्रतिबंधित हैं।
  • पुरुष और महिलाएं शालीन वस्त्र पहनकर ही प्रवेश करें।
  • मंदिर के पास कई धर्मशालाएं और होटल उपलब्ध हैं।
  • विशेष भीड़ के समय दर्शन के लिए कतारबद्ध व्यवस्था की जाती है।

नवरात्रि और अम्बाजी मंदिर

नवरात्रि के समय अम्बाजी मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है। पूरे नौ दिनों तक विशेष पूजा, भजन-कीर्तन और गरबा का आयोजन किया जाता है।

  • मां अम्बा की विशेष आरती और दुर्गा सप्तशती पाठ होते हैं।
  • मंदिर परिसर और पूरा नगर रोशनी से जगमगाता है।
  • लाखों श्रद्धालु इस अवसर पर यहां आते हैं।
  • Ambaji Temple Aarti Time Table नवरात्रि में भक्तों के लिए और भी अहम हो जाता है, क्योंकि विशेष आरतियां जोड़ी जाती हैं।

भादरवी पूर्णिमा मेला

नवरात्रि के अलावा, अम्बाजी मंदिर का सबसे बड़ा मेला भादरवी पूर्णिमा पर लगता है।

  • इस मेले में लाखों श्रद्धालु राजस्थान और गुजरात से पैदल यात्रा करके आते हैं।
  • यह पैदल यात्रा “भक्तों की पदयात्रा” कहलाती है, जो श्रद्धा और विश्वास का अद्भुत उदाहरण है।

अम्बाजी मंदिर दर्शन का आध्यात्मिक अनुभव

अम्बाजी मंदिर में आरती के समय वातावरण अत्यंत दिव्य और अलौकिक हो जाता है। जब घंटियां, शंख और ढोल-नगाड़ों की आवाज़ एक साथ गूंजती है, तो पूरा परिसर मां अम्बा की ऊर्जा से भर जाता है। भक्तों का विश्वास है कि इस समय मां की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।

निष्कर्ष

Ambaji Temple Aarti Time Table भक्तों को यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि वे मां अम्बा की दिव्य आरती का अनुभव कर सकें। चाहे आप सुबह की मंगल आरती में शामिल हों या रात की शयन आरती में, हर एक क्षण आत्मा को शांति और भक्ति से भर देता है।

यदि आप अम्बाजी मंदिर की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इस आर्टिकल में दी गई आरती समय सारणी, यात्रा गाइड और विशेष अवसरों की जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। नवरात्रि या भादरवी पूर्णिमा के अवसर पर अम्बाजी धाम की यात्रा करने से आपको अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा।

Scroll to Top