Biodiversity Park Surat की शुरुआत वर्ष 2019 में सूरत, गुजरात में एक महत्वाकांक्षी शहरी परियोजना के रूप में हुई थी। यह पार्क न केवल एक हरित स्थान के रूप में विकसित किया गया है, बल्कि यह सूरत शहर की पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने और स्थानीय समुदाय के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है।
परियोजना की पृष्ठभूमि
सूरत शहर की जल धाराओं, विशेषकर पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली प्राकृतिक नालों (creeks), को लेकर लंबे समय से अनेक समस्याएं थीं। इन क्षेत्रों का उपयोग पहले कचरा फेंकने और कसाईघरों जैसी गतिविधियों के लिए किया जाता था। मानसून में भारी बारिश के दौरान, इन नालों के किनारे बसे निचले इलाके बार-बार बाढ़ से प्रभावित होते थे। समय के साथ यहां अतिक्रमण, प्रदूषण और दुर्गंध की समस्या बढ़ती गई, जिससे यह इलाका मच्छरों का गढ़ बन गया।
इन समस्याओं को देखते हुए National River Conservation Plan (NRCP) के अंतर्गत नालों के दोनों किनारों पर पत्थर और कंक्रीट की दीवारें बनाकर तटबंध तैयार किए गए। पुलों के नीचे के रास्तों को सुधारा गया और तटबंधों के ऊपर हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए सड़कें बनाई गईं। जलभराव से बचाव हेतु एकतरफा तूफानी जल निकासी द्वार (stormwater flood gates) भी स्थापित किए गए।
Wild Valley Biodiversity Park की संकल्पना
इसी योजना के अंतर्गत गांधी कुटीर ब्रिज से अलथान-बामरौली ब्रिज और फिर भिमराड-बामरौली ब्रिज तक Kankara Creek के दोनों किनारों पर Wild Valley Biodiversity Park का विकास किया गया। इसका उद्देश्य था:
- नाले के किनारों की रक्षा
- जल प्रदूषण में कमी
- जलभराव की समस्या को कम करना
- स्थानीय लोगों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण तैयार करना
इसके साथ ही, क्षेत्र में जैव विविधता की गिरावट के मद्देनज़र पारिस्थितिकी और जलीय जीवन को संरक्षित करने की ज़रूरत महसूस की गई।
Biodiversity Park Surat का उद्देश्य
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य शहर के कचरे वाले और उपेक्षित भू-भाग को एक हरित, समृद्ध जैव विविधता वाले पार्क में बदलना है। इसके अंतर्गत:
- प्राकृतिक दुर्गंध को कम करना
- जल प्रदूषण को रोकने के लिए phytoremediation तकनीक का उपयोग
- स्थानीय प्रजातियों के पौधों के रोपण से वायु गुणवत्ता में सुधार
इसका दीर्घकालिक उद्देश्य है सभी हितधारकों को साथ लाकर साझा लक्ष्य निर्धारित करना और शहर के पारिस्थितिकी तंत्र को सक्रिय बनाना।
परियोजना का क्रियान्वयन
इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए 24 चरणों वाली एक परिपक्व रणनीति अपनाई गई। इसमें अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा तीन-स्तरीय मार्गदर्शन (mentorship) दिया गया, जिससे वैश्विक और देशी परियोजनाओं से सीखकर एक मजबूत मॉडल तैयार किया गया।
कार्यान्वयन की संरचना:
- निगरानी और मूल्यांकन (Monitoring & Evaluation) की संपूर्ण योजना बनाई गई
- परियोजना को Surat Smart City Development Limited (SSCDL) द्वारा लागू किया जा रहा है
- वित्त पोषण CITIIS प्रोग्राम के तहत किया गया है, जिसमें MoHUA, AFD और EU की भागीदारी है
कुल लागत और जोन विभाजन
इस परियोजना की कुल लागत ₹139.15 करोड़ है और इसे पांच मुख्य जोनों में विभाजित किया गया है:
ज़ोन नाम | विवरण |
---|---|
Zone A | Recreational Park |
Zone B1, B2, B3 | Wild Valley Biodiversity Park |
Zone C | Children Park |
Zone D | Urban Forestry Theme Park 1 |
Zone E1, E2 | Urban Forestry Theme Park 2 |
आरंभिक तीन वर्षों तक संचालन और रखरखाव संबंधित एजेंसी को दिया गया है।
चुनौतियां और समाधान
इस परियोजना की सबसे बड़ी चुनौती थी – पूरे भूभाग को एक परियोजना के तहत लाना। इसके लिए विभिन्न विभागों और स्थानीय प्राधिकरणों से सतत संवाद किया गया। विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए विषयवार जोन बनाए गए और वित्त पोषण की व्यवस्था CITIIS अनुदान और स्मार्ट सिटी निधियों से की गई।
पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव
- ईकोसिस्टम लाभ: पौधों और झाड़ियों से पक्षियों और तितलियों को प्राकृतिक आवास मिलेगा। इससे वायु, जल, आर्द्रता और तापमान में सुधार होगा। वर्षा जल को संग्रह कर पुनः उपयोग में लाया जाएगा।
- सामुदायिक लाभ: सुरक्षा, बागवानी, देखरेख जैसी ज़रूरतों से स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- आर्थिक प्रभाव: छोटे व्यापारों को बढ़ावा मिलेगा और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर बनेंगे।
प्रमुख परिणाम
- नालों के किनारे की बंजर भूमि को हरित क्षेत्र में बदला गया
- शहर में हरियाली की कुल मात्रा में वृद्धि
- बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं के लिए विशेष स्थल विकसित किए गए
- Miyawaki Plantation से शहरी तापमान नियंत्रण में मदद
- वर्षा जल संचयन, पुनः उपयोग और भूमिगत जल स्तर में सुधार के लिए Recharge Borewells लगाए गए
सीखी गईं प्रमुख बातें
- परियोजना का एकीकृत दृष्टिकोण होना अनिवार्य है
- सभी हितधारकों से निरंतर संवाद आवश्यक है
- पर्यावरणीय और सामाजिक सुरक्षा मानकों का पालन जरूरी है
- नेतृत्व की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है
- तकनीकी मार्गदर्शन और अंतरराष्ट्रीय मॉडल से सीख लेना चाहिए
- परियोजना का विकास एक तार्किक और स्पष्ट दृष्टि से किया जाना चाहिए
भविष्य की संभावनाएं
Biodiversity Park Surat जैसी परियोजनाएं अन्य शहरों के लिए भी एक आदर्श बन सकती हैं। इसकी विस्तार और दोहराव की संभावना अधिक है, बशर्ते कि स्थानीय आवश्यकताओं और CITIIS के मूल मूल्यों – नवाचार, एकीकरण और सततता – को अपनाया जाए।
निष्कर्ष
Biodiversity Park Surat परियोजना सूरत शहर के लिए एक दूरदर्शी और परिवर्तनकारी पहल है। यह केवल एक हरित क्षेत्र के विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली, सामाजिक उत्थान, और शहरी जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। यह पार्क न केवल जैव विविधता को संरक्षित करता है, बल्कि नागरिकों के लिए स्वच्छ, सुंदर और स्वस्थ पर्यावरण भी प्रदान करता है।
स्थानीय समुदाय की सहभागिता, नवीन सोच, मजबूत नेतृत्व और वैश्विक दृष्टिकोण ने इस परियोजना को एक आदर्श मॉडल में बदल दिया है जिसे देश के अन्य शहरों में भी अपनाया जा सकता है। इस प्रकार, Biodiversity Park Surat न केवल सूरत की हरित विरासत है, बल्कि भारत के शहरी विकास की एक प्रेरणास्पद मिसाल भी है।