धरोई बांध उत्तर गुजरात में स्थित एक महत्वपूर्ण जलाशय है, जो न केवल सिंचाई और जल आपूर्ति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि अब धीरे-धीरे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो रहा है। महेसाणा जिले में मेशवो नदी पर निर्मित यह बांध अपने शांत वातावरण, हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। चलिए इस लेख में जानते हैं धरोई बांध से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी — इसके इतिहास, महत्व, विशेषताएं और यहाँ आने का सही तरीका।
Dharoi Dam का इतिहास और निर्माण
धरोई बांध का निर्माण 1971 में प्रारंभ हुआ था और यह परियोजना वर्ष 1978 में पूरी हुई। इसका मुख्य उद्देश्य मेशवो नदी के जल का सदुपयोग करना था, जिससे आस-पास के क्षेत्रों को सिंचाई, पेयजल और बाढ़ नियंत्रण में सहायता मिल सके। इस बांध की नींव तत्कालीन गुजरात सरकार ने रखी थी, जो आज तक इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संतुलन में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
क्यों खास है Dharoi Dam?
धरोई बांध की प्रमुख विशेषता इसका बहुउद्देशीय स्वरूप है। यह न केवल जल भंडारण का कार्य करता है, बल्कि पर्यटन, पशुपालन और स्थानीय रोजगार में भी सहायक बन गया है। नीचे दी गई तालिका में इससे जुड़ी कुछ मुख्य जानकारियां दी गई हैं:
धरोई बांध का विवरण | जानकारी |
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स्थान | मेशवो नदी, सतलासना तालुका,महेसाणा जिला, गुजरात |
निर्माण वर्ष | 1971 में शुरू, 1978 में पूर्ण |
नदी का नाम | मेशवो नदी (साबरमती की सहायक) |
कुल जल संग्रहण क्षमता | लगभग 91.45 मिलियन क्यूबिक मीटर |
प्रमुख उपयोग | सिंचाई, पेयजल आपूर्ति, बाढ़ नियंत्रण |
नजदीकी पर्यटन स्थल | अंबाजी मंदिर, तारंगा हिल्स, जेसोर स्लॉथ बियर सेंचुरी |
निकटतम रेलवे स्टेशन/बस स्टैंड | इडर और अंबाजी |
Dharoi Dam कैसे पहुँचे?
धरोई बांध गुजरात के महेसाणा जिले में स्थित है। यह अहमदाबाद से लगभग 145 किमी की दूरी पर है और अंबाजी मंदिर से मात्र 30 किमी दूर। अगर आप निजी वाहन से यात्रा कर रहे हैं, तो यह एक शानदार रोड ट्रिप साबित हो सकती है, खासकर मानसून और सर्दियों के मौसम में।
- सड़क मार्ग: अहमदाबाद, पालनपुर, हिम्मतनगर और इडर से नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन इदर है, जो प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
- हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा अहमदाबाद में है।
पर्यटन के नजरिए से Dharoi Dam
हाल के वर्षों में धरोई बांध पर्यटन के एक उभरते केंद्र के रूप में सामने आया है। इसका शांतिपूर्ण वातावरण, हरियाली, और जल की विस्तृत सतह फोटोग्राफी, पिकनिक और प्राकृतिक आनंद के लिए उपयुक्त है। खासतौर पर मानसून के समय यह जगह जीवंत हो उठती है जब जल भराव अपनी चरम सीमा पर होता है।
यहां गुजरात टूरिज़्म द्वारा धीरे-धीरे सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, जिससे यहाँ आने वाले पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सके। कई पर्यटक इसे अंबाजी यात्रा के साथ जोड़ते हैं, क्योंकि यह धार्मिक स्थल से बहुत नजदीक है।
Dharoi Dam का सामाजिक और पर्यावरणीय महत्व
धरोई बांध का महत्व केवल जल आपूर्ति तक सीमित नहीं है। यह आसपास के गांवों की कृषि व्यवस्था को सशक्त बनाता है और मानसून के समय बाढ़ को नियंत्रित करने में सहायक है। इसके अलावा, यह बांध जल-स्तर को स्थिर बनाए रखने और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखने में योगदान देता है।
Dharoi Dam के पास घूमने लायक जगहें
यदि आप धरोई बांध की यात्रा पर हैं, तो आस-पास कई आकर्षक स्थल भी देख सकते हैं:
- अंबाजी मंदिर: प्रमुख शक्तिपीठों में से एक, श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र स्थान।
- तारंगा हिल्स: जैन धर्म का प्रसिद्ध तीर्थस्थान।
- जेसोर स्लॉथ बियर सैंक्चुरी: वन्यजीव प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान।
- इदर: ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल, जहाँ किले और पहाड़ियां घूमने के लिए प्रसिद्ध हैं।
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निष्कर्ष
Dharoi Dam गुजरात के उत्तर भाग में स्थित एक बहुपरियोजनात्मक जलाशय है, जो न केवल जल प्रबंधन के क्षेत्र में बल्कि पर्यटन और ग्रामीण विकास में भी एक प्रेरणास्पद उदाहरण बन चुका है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं या एक शांत वातावरण में छुट्टियाँ बिताना चाहते हैं, तो धरोई बांध अवश्य जाएँ। इसकी खूबसूरती, महत्व और शांत वातावरण हर आगंतुक को आकर्षित करते हैं।