Jagannath Rath Yatra 2025 date

Jagannath Rath Yatra 2025 date: स्नान पूर्णिमा से रथ यात्रा तक की पूरी कहानी

Jagannath Rath Yatra 2025 date को लेकर भक्तों में खास उत्साह है। इस बार यह भव्य रथ यात्रा 27 जून को निकलेगी। इससे पहले 11 जून को भगवान जगन्नाथ का पवित्र स्नान यात्रा महोत्सव मनाया गया, जिसमें भगवान अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ भक्तों के सामने स्नान करते हैं।

स्नान पूर्णिमा पर होता है विशेष महास्नान

पुरी (उड़ीसा) में यह एकमात्र दिन होता है जब भगवान जगन्नाथ को मंदिर परिसर में बने एक खास कुएं के जल से स्नान कराया जाता है। इसी वजह से इसे स्नान पूर्णिमा कहा जाता है। इस पवित्र स्नान के लिए सोने के 108 घड़ों में जल भरा जाता है, जिसमें केसर, चंदन, कस्तूरी और विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियां मिलाई जाती हैं। भगवान जगन्नाथ को 35, बलभद्र जी को 33 और सुभद्रा जी को 22 घड़ों के जल से स्नान कराया जाता है।

स्नान के बाद होता है ‘अनवसर’ – भगवान की विश्राम अवधि

स्नान के बाद भगवान अस्वस्थ हो जाते हैं। मान्यता है कि अधिक स्नान से उन्हें ज्वर आ जाता है और वे 15 दिनों के लिए एकांतवास में चले जाते हैं। इसे ‘अनवसर’ या ‘अनासार’ कहा जाता है। इस दौरान मंदिर के पट बंद रहते हैं और केवल वैद्य स्वरूप सेवक ही भगवान की सेवा कर सकते हैं।

भगवान की सेवा होती है आयुर्वेदिक उपचार से

अनवसर काल में भगवान को केवल फल, रस और जड़ी-बूटियों से युक्त भोज्य पदार्थ दिए जाते हैं। पांचवे दिन उड़िया मठ से विशेष ‘फुल्लरी तेल’ आता है, जिससे भगवान की हल्की मालिश की जाती है। साथ ही उनके शरीर पर रक्त चंदन और कस्तूरी का लेप किया जाता है। दशमूलारिष्ट नामक आयुर्वेदिक काढ़ा और जड़ी-बूटियों से बने मोदक भगवान को अर्पित किए जाते हैं ताकि वे स्वस्थ हो सकें।

सोने की ईंटों वाला पवित्र कुआं

पुरी मंदिर परिसर में स्थित स्नान कुआं एक रहस्यमयी स्थान माना जाता है। यह 4 से 5 फीट चौड़ा वर्गाकार कुआं है, जिसमें राजा इंद्रद्युम्न द्वारा लगवाई गई सोने की ईंटें हैं। कहा जाता है कि इस कुएं में भारत के सभी तीर्थों का जल समाहित है। इसके ढक्कन को खोलने के लिए 12-15 सेवकों की आवश्यकता होती है।

Jagannath Rath Yatra 2025 date और इससे जुड़ी मुख्य घटनाएं

रथयात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ की अनवसर पूजा और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। नीचे दी गई तालिका में इससे संबंधित सभी प्रमुख तिथियां दी गई हैं:

तिथिविशेष आयोजन
11 जूनस्नान पूर्णिमा, अनवसर आरंभ
16 जूनअनवसर पंचमी, फुल्लरी तेल मालिश
20 जूनअनवसर दशमी, भगवान सिंहासन पर विराजमान
21 जूनखलि लागि – विशेष औषधीय लेप
25 जूनविग्रह सज्जा
26 जूननवयौवन दर्शन, रथयात्रा की अनुमति
27 जूनJagannath Rath Yatra 2025 date – गुंडिचा यात्रा का शुभारंभ

अहमदाबाद में भी होती है भव्य स्नान यात्रा

पुरी के अलावा अहमदाबाद में भी भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा बड़े श्रद्धा भाव से मनाई जाती है। यहां भगवान को साबरमती नदी के जल से स्नान कराया जाता है। गुजरात की राजधानी में यह आयोजन एक सांस्कृतिक पर्व का रूप ले चुका है।

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निष्कर्ष

Jagannath Rath Yatra 2025 date यानी 27 जून का दिन करोड़ों भक्तों के लिए श्रद्धा और आस्था से जुड़ा है। इससे पहले 15 दिनों तक चलने वाला स्नान और एकांतवास का यह धार्मिक क्रम भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा की नींव रखता है। यह न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद के अद्भुत मेल का प्रतीक भी है।

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